गर्वनर के चलते शुभ मुहूर्त में जयललिता नहीं बन पायीं सीएम

चेन्नई। आखिरकार वो घड़ी आयी जिसका 63 साल की एआईडीएमके प्रमुख जयललिता ना जाने कब से इंतजार कर रही थी। आज मद्रास विश्वविद्यालय के शताब्दी सभागार में एक बडी सभा का आयोजन किया गया था। आयोजन भी खास था इसलिए सभा में काफी खास लोग मौजूद थे। लेकिन गर्वनर सुरजीत सिंह बरनाला के लेट पहुंचने से इस खास समारोह को फीका कर दिया। हुआ यूं कि किसी कारणवश गर्वनर साहब लेट पहुँचे जिसके चलते जयललिता का वो शुभ मूहूर्त निकल गया जिस समय उन्हें सीएम पद की शपथ लेनी थी। स्टार न्यूज के मुताबिक जयललिता को मुहूर्त निकल जाने के बाद शपथ ग्रहण करके ही संतोष करना पड़ा।
गौरतलब है कि अम्मा के नाम से प्रसिद्ध जयललिता ने आज तीसरी बार तमिलनाडु की सत्ता हासिल की हैं। वो तीसरी बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं हैं। आज उन्होंने 33 मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण की। जयललिता ने तमिल भाषा में शपथ ग्रहण किया। विधानसभा चुनावों में जयललिता की पार्टी एआईडीएमके को राज्य के 234 सीटों में से 200 सीट पर जीत दर्ज की है। आज जिन मंत्रियों ने शपथ लिया है उससे तो यही महसूस होता है कि इस बार वो अनुभवी लोगों को मौका देने वाली है।
इस शपथ ग्रहण समारोह में गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी, आंध्रा के सीएम किरण कुमार रेड्डी, आंध्रा के ही पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू जैसे गणमान्य लोग मौजूद थे। जैसा कि आप जानते हैं कि जयललिता का जन्म कर्नाटक के मेलुकोटे में हुआ था। राजनीति में आने से पहले जयललिता विख्यात अभिनेत्री थीं। उन्होंने कन्नड़, तमिल और हिंदी फिल्मों में काम किया है।
साल 1981 में जयललिता ने एआईडीएमके के माध्यम से राजनीति में कदम रखा, साल 1988 में वो वो राज्यसभा पहुंची। साल 1989 में जयललिता ने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। साल 1991 में उन्होंने कांग्रेस का साथ दिया और वो सत्तासीन हुई। लेकिन कई घोटालों के चलते जयललिता 1996 में हार गयीं। साल 2001 में एक बाऱ फिर से वो वापस आयीं और सीएम की कुर्सी संभाली। लेकिन 2006 का चुनाव वो हार गयीं। जनता ने एक बार फिर से अपनी अम्मा को मौका दिया है। इस बार
गौरतलब है कि अम्मा के नाम से प्रसिद्ध जयललिता ने आज तीसरी बार तमिलनाडु की सत्ता हासिल की हैं। वो तीसरी बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं हैं। आज उन्होंने 33 मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण की। जयललिता ने तमिल भाषा में शपथ ग्रहण किया। विधानसभा चुनावों में जयललिता की पार्टी एआईडीएमके को राज्य के 234 सीटों में से 200 सीट पर जीत दर्ज की है। आज जिन मंत्रियों ने शपथ लिया है उससे तो यही महसूस होता है कि इस बार वो अनुभवी लोगों को मौका देने वाली है।
इस शपथ ग्रहण समारोह में गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी, आंध्रा के सीएम किरण कुमार रेड्डी, आंध्रा के ही पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू जैसे गणमान्य लोग मौजूद थे। जैसा कि आप जानते हैं कि जयललिता का जन्म कर्नाटक के मेलुकोटे में हुआ था। राजनीति में आने से पहले जयललिता विख्यात अभिनेत्री थीं। उन्होंने कन्नड़, तमिल और हिंदी फिल्मों में काम किया है।
साल 1981 में जयललिता ने एआईडीएमके के माध्यम से राजनीति में कदम रखा, साल 1988 में वो वो राज्यसभा पहुंची। साल 1989 में जयललिता ने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। साल 1991 में उन्होंने कांग्रेस का साथ दिया और वो सत्तासीन हुई। लेकिन कई घोटालों के चलते जयललिता 1996 में हार गयीं। साल 2001 में एक बाऱ फिर से वो वापस आयीं और सीएम की कुर्सी संभाली। लेकिन 2006 का चुनाव वो हार गयीं। जनता ने एक बार फिर से अपनी अम्मा को मौका दिया है। इस बार
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